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विकास भारती- "राम श्रवण मननकल और आज दोनों दिन की प्रस्तुति देखीं, कल अकेले और आज अपनी नाटक देखो मंडली के साथ ।यह पारंपरिक नाटक शैली से थोड़ा अलग अनुभव कराता है।सचमुच देखने और श्रवण करने के साथ कई घंटों तक दर्शक को मननकी स्थिति में स्थापित कर देता है।खुद की खोज आरंभ होती है, कभी शरीर कंपित होता है , कभी अश्रुधारा बहती है। स्वयं के व्यवहार के कारण कभी अपराधबोध होता है कभी आत्मग्लानि।मुझे नहीं पता आपकी इस ढाई घंटे की प्रस्तुति मुझे ढाई घंटे , ढाई दिन , माह या बरस कब तक खुद को समझने और खोजने के लिए प्रेरित करेगी ।मैंने हमेशा NSD को सर्वश्रेष्ठ पायदान पर रखा जहां तक नाटक विधा का प्रश्न है, पर आज आपकीइस प्रस्तुति को देखने के बाद मैंने आपको उनसे बेहतर पाया। शायद ये विषय ऐसा था की मैं अब तक मंच की उस ऊर्जा का ताप अभी तक अनुभव कर पा रहा हूं।समस्त कलाकारों को हमारी नाटक देखो मंडली की ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं, बधाई ।"

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